उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने प्रदेश के सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस फैसले से घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा। हालांकि, फिक्स चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन प्रति यूनिट बिजली की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नई बिजली दरें
उत्तराखंड में घरेलू उपभोक्ताओं को अब 25 से 45 पैसे प्रति यूनिट तक अधिक भुगतान करना होगा। नई दरें इस प्रकार हैं:
- 100 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट अधिक देना होगा।
- 101 से 200 यूनिट के बीच बिजली उपयोग करने वालों को 35 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा चुकाने होंगे।
- 201 से 400 यूनिट की खपत वालों के लिए 45 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
- 400 यूनिट से अधिक उपभोग करने वालों पर भी 45 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
इसके अलावा, हिमालयी क्षेत्रों (जैसे उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर आदि) में रहने वाले उपभोक्ताओं को भी 10 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर असर
- छोटे व्यवसायों (4 किलोवाट तक) के लिए 35 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
- औद्योगिक उपभोक्ताओं को भी नई दरों के अनुसार अधिक भुगतान करना होगा।
बिजली दरों में बढ़ोतरी का कारण
बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की बढ़ती लागत और बिजली खरीद के ऊंचे दामों के कारण इस वृद्धि को लागू किया गया है।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
उत्तराखंड में पहले से ही महंगाई का दबाव बना हुआ है, और अब बिजली दरों में वृद्धि से आम जनता को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ेगा। खासतौर पर मध्यम वर्गीय परिवारों और छोटे व्यापारियों के लिए यह वृद्धि चिंता का विषय है।
सरकार की प्रतिक्रिया और संभावित राहत उपाय
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार इस बढ़ोतरी पर क्या रुख अपनाती है। क्या उपभोक्ताओं को कोई राहत पैकेज मिलेगा, या उन्हें इस बढ़ी हुई दरों के साथ ही जीना पड़ेगा?
प्रदेश में बिजली उपभोक्ता संगठनों और सामाजिक संगठनों ने इस वृद्धि पर नाराजगी जताई है और इसे वापस लेने की मांग की है।