Operation Sindoor: अब नहीं छोड़ेगा भारत, पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार की जवाबी कार्रवाई की पूरी कहानी
7 मई 2025 की रात को जब पाकिस्तान और PoK में मौजूद आतंकी ठिकानों पर एक के बाद एक सर्जिकल स्ट्राइक हुई, तब दुनिया ने भारत की सैन्य और कूटनीतिक शक्ति को नये रूप में देखा। यह हमला महज एक सैन्य ऑपरेशन नहीं था, बल्कि इसके पीछे थी सप्ताहों की कूटनीतिक तैयारी और अंतरराष्ट्रीय समर्थन—जिसे नाम दिया गया: ऑपरेशन सिंदूर।
पहलगाम हमला: जहां से शुरू हुई कहानी
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक बर्बर आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर थे। लेकिन उन्होंने तत्काल अपनी यात्रा रद्द की और देश लौट आए।
मोदी की तात्कालिक कार्रवाई: डिप्लोमेसी ऑन वॉरफुटिंग
पीएम मोदी ने उसी रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन कर स्थिति की गंभीरता बताई। इसके बाद कूटनीतिक प्रयासों का एक लंबा सिलसिला शुरू हुआ:
अंतरराष्ट्रीय नेताओं से संपर्क (23-27 अप्रैल)
- 23 अप्रैल: ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, मॉरीशस, अमेरिका के उपराष्ट्रपति
- 24 अप्रैल: इज़रायल, जापान, इटली, फ्रांस, जॉर्डन, मिस्त्र
- 25 अप्रैल: यूके, नीदरलैंड, श्रीलंका
- 26-27 अप्रैल: UAE, ईरान, दक्षिण कोरिया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अलग-अलग देशों से उच्चस्तरीय संपर्क बनाए।
रणनीतिक समर्थन: रूस से ग्रीन सिग्नल
5 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की। पुतिन ने न सिर्फ भारत को समर्थन दिया, बल्कि साफ कहा, “भारत को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।”
ऑपरेशन सिंदूर: कैसे बनी पटकथा
- कूटनीतिक तैयारी: 20+ देशों को हमले से पहले विश्वास में लेना
- सैन्य प्लानिंग: 6 दिनों तक सेना, वायुसेना और RAW की टॉप-लेवल मीटिंग्स
- लॉन्च डेट: 6 मई की आधी रात, हमले की शुरुआत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से की गई
हमले का तरीका: सटीक और घातक
भारतीय वायुसेना और स्पेशल फोर्सेस ने मिलकर कई आतंकी लॉन्च पैड्स, ट्रेनिंग सेंटर और हथियार डिपो को तबाह कर दिया। हमला इतना सटीक था कि पाकिस्तान सुबह तक कुछ समझ ही नहीं पाया।
निष्कर्ष: अब भारत चुप नहीं बैठेगा
ऑपरेशन सिंदूर ने साफ कर दिया है कि भारत अब केवल बयान नहीं, बल्कि कार्रवाई के रास्ते पर है। कूटनीति और शक्ति का संतुलन दिखाकर भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ वह हर सीमा पार करने को तैयार है।