नैनीताल में दुष्कर्म की घटना के बाद जनाक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को विहिप, बजरंग दल, भाजपा समेत अनेक संगठनों ने शहर में जोरदार प्रदर्शन किया, जिससे नैनीताल का शांत वातावरण एक बार फिर गर्मा गया। मल्लीताल पंत पार्क से शुरू हुए इस आंदोलन में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया, जुलूस निकाला और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई।
हनुमान चालीसा के पाठ और हाईकोर्ट मार्च से कांपा नैनीताल
प्रदर्शन की शुरुआत सुबह 11 बजे मल्लीताल पंत पार्क में हुई, जहां विहिप प्रांत सह मंत्री रणदीप पोखरिया और बजरंग दल संयोजक पूरन जोशी के नेतृत्व में “सनातन चिंतन सभा” आयोजित हुई। यहां वक्ताओं ने एक स्वर में आरोपी उस्मान को फांसी की सजा देने की मांग की।
सभा के बाद कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट की ओर मार्च शुरू किया। पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोका, लेकिन कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़ते हुए गोलघर तक पहुंच गए। इसके बाद लौटते हुए नगर पालिका कार्यालय के सामने हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया गया।
पुलिस से झड़प, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने बीडी पांडे अस्पताल, मस्जिद मार्ग और अन्य संवेदनशील इलाकों में कड़ी बैरिकेडिंग की थी। पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प भी हुई। अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया।
तल्लीताल क्षेत्र में रूट डायवर्जन किया गया और मॉल रोड पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। इससे फांसी गधेरा मार्ग पर भारी ट्रैफिक जाम हो गया, जिससे आमजन को भी परेशानी उठानी पड़ी।
बारिश में भी नहीं डिगा जुलूस का जोश, नैनीताल हुआ बंद
प्रदर्शन के दौरान तेज बारिश भी हुई, लेकिन कार्यकर्ताओं का जोश कम नहीं हुआ। मल्लीताल के कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों के शटर गिरा दिए, जिससे कई इलाकों में आंशिक बंद जैसा माहौल रहा।
नौका चालकों और नाव मालिकों ने भी आंदोलन को समर्थन देते हुए नैनीझील में नौकायन रोक दिया। दोपहर बाद आंदोलन के शांत होने के बाद ही नौकायन दोबारा शुरू हो सका।
प्रमुख नेता और संगठन रहे शामिल
प्रदर्शन में भाजपा नगर अध्यक्ष नितिन कार्की, विहिप जिला अध्यक्ष खजान भट्ट, जिला मंत्री विवेक वर्मा, प्रदीप ठाकुर, कमला भट्ट, पुष्पा जोशी, अजय भगत, रामा बिष्ट समेत कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इन सभी ने एक स्वर में न्याय की मांग करते हुए आरोपी के परिजनों की भूमिका की भी जांच कराने की बात कही।
एनआईए जांच और फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग
जुलूस समाप्त होने के बाद प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। इसमें निम्नलिखित मांगें की गईं:
- घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराई जाए।
- आरोपी के खिलाफ केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए ताकि जल्द न्याय मिल सके।
- पीड़िता को मुआवजा और सुरक्षा दी जाए।
- आरोपी के परिजनों की भूमिका की गहन जांच हो।
संयुक्त मजिस्ट्रेट ने आश्वासन दिया कि ज्ञापन को प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है।
क्यों उठ रही है सीबीआई/एनआईए जांच की मांग?
प्रदर्शनकारी लगातार सीबीआई या एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि:
- आरोपी उस्मान प्रभावशाली ठेकेदार है, और उसके कई राजनीतिक संपर्क हैं।
- आरोप है कि उसके परिवार ने साक्ष्य मिटाने और पीड़िता को धमकाने की कोशिश की।
- लोकल पुलिस के ऊपर जनता का विश्वास डगमगाया है, इसलिए अब राष्ट्रीय एजेंसियों की जरूरत है।
नैनीताल की जनता की एकजुटता: धर्म और राजनीति से परे
इस पूरे आंदोलन में यह स्पष्ट हुआ कि नैनीताल की जनता इस बार केवल एक मुद्दे पर एकजुट हुई – न्याय। धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक मतभेदों से ऊपर उठकर सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे। स्थानीय निवासियों से लेकर नाविक, दुकानदार, महिलाएं और बुजुर्ग तक इस विरोध में शामिल हुए।
अब आगे क्या?
इस विरोध के बाद प्रशासन पर फिर दबाव बढ़ गया है:
- पुलिस को अब आरोपी के परिजनों की जांच, मोबाइल लोकेशन और डीएनए सैंपलिंग करनी होगी।
- पीड़िता को मुआवजा और मनोवैज्ञानिक परामर्श दिलाने की मांग भी अब जोर पकड़ रही है।
- हाईकोर्ट पहले ही एसएसपी को निगरानी की जिम्मेदारी सौंप चुका है।
निष्कर्ष: न्याय की राह में जनचेतना का दबाव
नैनीताल दुष्कर्म कांड 2025 अब केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि जनता और न्याय व्यवस्था की परीक्षा बन गया है। मंगलवार का प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि अब लोग चुप नहीं बैठेंगे। आरोपी को सजा दिलाने और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर मोर्चे पर आवाज उठाई जाएगी।
अब प्रशासन और न्यायपालिका की बारी है कि वे इस जनसंकल्प को न सिर्फ सुने, बल्कि उस पर तेजी से और पारदर्शी कार्रवाई करें।