उत्तराखंड का कण-कण आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है, और इन्हीं पावन स्थलों में से एक है माँ पूर्णागिरि शक्तिपीठ। माँ पूर्णागिरी का यह स्थान देवी दुर्गा के 108 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है और हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। टनकपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व का अद्भुत संगम है।

माँ पूर्णागिरि की पौराणिक कथा
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, माता सती के शरीर के 51 टुकड़े जहां-जहां गिरे, वे स्थान शक्ति पीठ कहलाए। ऐसा माना जाता है कि माँ पूर्णागिरि शक्तिपीठ वही स्थान है जहां माता सती की नाभि गिरी थी। यह स्थल तब से ही आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, यह स्थान भगवान परशुराम की तपोभूमि भी रहा है। कहते हैं कि यहाँ की दिव्य ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति हर श्रद्धालु को सकारात्मकता और नई ऊर्जा प्रदान करती है।
माँ पूर्णागिरि मंदिर की विशेषताएँ
- दृश्य मनमोहक: माँ पूर्णागिरी मंदिर से काली नदी और नेपाल के पर्वतीय इलाकों का सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है।
- मनोकामना पूर्ति स्थल: श्रद्धालु मानते हैं कि यहाँ सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूर्ण होती है।
- चैत्र नवरात्रि मेला: हर साल चैत्र मास में नौ दिनों तक यहाँ विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों भक्त माँ के दर्शन करने आते हैं।
माँ पूर्णागिरि यात्रा का मार्ग
- टनकपुर तक आप रेल के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं । यहाँ के लिए दिल्ली, लखनऊ, गुरुग्राम, राजस्थान आदि स्थानों से सीधे ट्रेन उपलब्ध है ।
- टनकपुर से ठूलीगाड़ तक – यह दूरी सड़क मार्ग से तय की जा सकती है।
- ठूलीगाड़ से पूर्णागिरि मंदिर तक – लगभग 3.5 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई।
- मार्ग में भक्तगण माँ का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ते हैं, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और ऊर्जा की अनुभूति होती है।
यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
✔️ आरामदायक जूते पहनें क्योंकि यात्रा में पैदल चढ़ाई करनी होती है।
✔️ अपने साथ पानी की बोतल और हल्का भोजन रखें।
✔️ मौसम के अनुसार कपड़े पहनें क्योंकि ऊँचाई पर ठंड अधिक हो सकती है।
✔️ अपने सामान और महत्वपूर्ण दस्तावेजों का विशेष ध्यान रखें।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
माँ पूर्णागिरि केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि शक्ति और भक्ति का संगम है। यह स्थल न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि उन्हें आत्मबल और दृढ़ निश्चय की प्रेरणा भी देता है।
यदि आप कभी उत्तराखंड जाएँ, तो माँ पूर्णागिरि के दर्शन अवश्य करें और माँ की कृपा से अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरपूर बनाएं। जय माँ पूर्णागिरि! 🙏