पिथौरागढ़ पहुंचे केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, सेना के जवानों से की मुलाकात, ग्रामीणों ने पारंपरिक ढंग से किया स्वागत

गुंजी में हुआ भव्य स्वागत, वाइब्रेंट विलेज मिशन का लिया जायज़ा

पिथौरागढ़ : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा आज उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ पहुंचे। अपने आदि कैलाश-ओम पर्वत यात्रा के तहत वे पूर्वाह्न 11:45 बजे गुंजी हेलीपैड पहुंचे, जहां स्थानीय ग्रामीणों ने पारंपरिक पगड़ी पहनाकर और सांस्कृतिक रीति से उनका जोरदार स्वागत किया।


सीमा पर तैनात जवानों से की मुलाकात, सराहा अदम्य साहस

गुंजी पहुंचने के बाद जेपी नड्डा सीधे आर्मी गेस्ट हाउस पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जवानों से सीमा सुरक्षा में प्रयुक्त आधुनिक हथियारों और उपकरणों की जानकारी ली।

जेपी नड्डा ने दुर्गम परिस्थितियों में कार्यरत इन वीर जवानों के साहस, निष्ठा और समर्पण की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा:

“आप सभी देश की सुरक्षा के सच्चे प्रहरी हैं। पूरा देश आपके बलिदान और सेवा के लिए गर्व करता है। सरकार आपकी हर ज़रूरत में साथ है।”


वाइब्रेंट विलेज योजना की समीक्षा, स्थानीय विकास पर जोर

इस अवसर पर जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने जनपद में चल रही वाइब्रेंट विलेज योजनाओं पर पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से केंद्रीय मंत्री को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि:

  • वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमावर्ती गांवों में बुनियादी सुविधाओं, पर्यटन, और रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आवास, परिवहन और चिकित्सा जैसी व्यवस्थाओं को और मजबूत किया जा रहा है।

आईटीबीपी और स्थानीय पशुपालकों के बीच नई पहल

प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राज्य सरकार और आईटीबीपी के बीच एक महत्वपूर्ण खाद्य आपूर्ति पहल शुरू की गई है। इसके तहत:

  • आईटीबीपी को स्थानीय सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से ताजा पोल्ट्री और मटन (MOH) की आपूर्ति की जा रही है।
  • इस योजना का उद्देश्य सीमा क्षेत्र में तैनात सुरक्षाबलों को गुणवत्तापूर्ण स्थानीय उत्पाद उपलब्ध कराना और स्थानीय पशुपालकों को आय के नए स्रोत प्रदान करना है।

जेपी नड्डा दो दिन रहेंगे गुंजी क्षेत्र में

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा अपनी यात्रा के दौरान दो दिन गुंजी क्षेत्र में ही रहेंगे। इस दौरान वे न केवल सीमावर्ती इलाकों की स्थिति का जमीनी आकलन करेंगे, बल्कि स्थानीय जनता, सुरक्षाबलों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गहन संवाद भी करेंगे।

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