ऑपरेशन सिंदूर: SIGNALS कोर की ताकत और कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रेरणादायक भूमिका

नई दिल्ली: पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना ने न सिर्फ कड़ा सैन्य संदेश दिया है, बल्कि सेना के भीतर मौजूद तकनीकी क्षमता और नेतृत्व की भी झलक पेश की है। इस ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए जब प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, तो कर्नल सोफिया कुरैशी, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसे अधिकारी मीडिया के सामने आए।


कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?

  • कर्नल सोफिया कुरैशी गुजरात के वडोदरा की रहने वाली हैं।
  • उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और पीएचडी अधूरी छोड़ कर 1999 में सेना जॉइन की।
  • वह ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई से ट्रेनिंग लेकर भारतीय सेना में शामिल हुईं।
  • उन्होंने 2016 में “एक्सरसाइज फोर्स-18” में भारत का नेतृत्व किया और वहां 18 देशों में एकमात्र महिला कमांडर थीं।
  • वे सेना की SIGNALS कोर की पहली महिला अधिकारी हैं।

उनके पति, मेजर ताजुद्दीन कुरैशी, मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में तैनात हैं, और उनके दादा भी सेना में रहे हैं — यानी उनका पूरा परिवार सैन्य सेवा से जुड़ा है।


SIGNALS कोर: भारतीय सेना की डिजिटल रीढ़

SIGNALS कोर भारतीय सेना की आईटी, साइबर और संचार से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण शाखाओं में से एक है। इसका मुख्य कार्य है:

  • सेना के सभी ब्रांचों के बीच सुरक्षित कम्युनिकेशन बनाए रखना।
  • साइबर सुरक्षा, डेटा नेटवर्क, सर्वर, और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित और सक्रिय रखना।
  • इलेक्ट्रॉनिक युद्ध टीम द्वारा दुश्मन के कम्युनिकेशन सिस्टम में हस्तक्षेप करना।
  • साइबर टीमें सेना के नेटवर्क को हैकिंग से बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
  • एयर डिफेंस कम्युनिकेशन टीमें वायु हमलों के दौरान सेनाओं को रीयल टाइम सूचना देने का काम करती हैं।

SIGNALS कोर ही वह शाखा है जो हर युद्ध और ऑपरेशन में कमांडरों को रियल-टाइम डेटा, लोकेशन और सिग्नल इंटेलिजेंस मुहैया कराती है।


ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया की भूमिका क्यों अहम थी?

  • बतौर SIGNALS अधिकारी, कर्नल सोफिया कुरैशी ऑपरेशन की संचार रणनीति का एक अहम हिस्सा रही होंगी।
  • उन्होंने नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने भारत का पक्ष स्पष्ट और तकनीकी रूप से सटीक तरीके से रखा।
  • SIGNALS कोर की तकनीकी तैयारी और नेतृत्व ने ही ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

निष्कर्ष: तकनीक, नेतृत्व और नारी शक्ति का संगम

कर्नल सोफिया कुरैशी ने साबित किया है कि भारतीय सेना अब सिर्फ शारीरिक ताकत तक सीमित नहीं है, बल्कि उसमें तकनीकी नेतृत्व और महिला सशक्तिकरण की नई परिभाषा लिखी जा रही है। SIGNALS कोर जैसे डिवीजन आने वाले समय में साइबर युद्ध और सूचना युद्ध में भारत की भूमिका को और मजबूत करेंगे।

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