हरिद्वार, 25 अप्रैल। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने जिला कार्यालय सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में यूसीसी पोर्टल पर पंजीकरण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 26 मार्च 2010 के बाद जिन लोगों का विवाह हुआ है या वर्तमान में हो रहा है, उनके लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पोर्टल पर यूसीसी पंजीकरण अनिवार्य है।
30 अप्रैल तक यूसीसी पंजीकरण अनिवार्य:
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी पात्र सरकारी कार्मिकों को 30 अप्रैल 2025 तक पंजीकरण कराना अनिवार्य है। तय समय सीमा के भीतर पंजीकरण न कराने वालों को नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके लिए शासन ने यूसीसी पंजीकरण शुल्क 250 रुपये और कॉमन सर्विस सेंटर चार्ज 50 रुपये निर्धारित किया है।
पंजीकरण न कराने पर लगेगी पेनल्टी:
निर्धारित अवधि के बाद यूसीसी पंजीकरण न कराने वाले व्यक्तियों को सब रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही उन पर 10 हजार रुपये तक की पेनल्टी भी लग सकती है। जिलाधिकारी ने सभी पात्र व्यक्तियों से अपील की कि वे समय रहते यूसीसी पोर्टल पर पंजीकरण अवश्य कराएं।
सरकारी विभागों में पंजीकरण की स्थिति:
- शिक्षा विभाग: 285 कार्मिकों ने अब तक पंजीकरण नहीं कराया।
- पुलिस विभाग: 317 कार्मिक शेष हैं।
- नगर निगम हरिद्वार: 93 कार्मिकों का पंजीकरण शेष।
- विद्युत विभाग: 124 कार्मिक पंजीकरण शेष।
- युवा कल्याण विभाग: 100 कार्मिक अभी पंजीकृत नहीं।
अब तक कुल 3912 कार्मिकों ने यूसीसी पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, जबकि 1391 कार्मिकों का पंजीकरण अभी शेष है।
जिला योजना पर भी दिए निर्देश:
जिलाधिकारी ने जिला योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जन प्रतिनिधियों और डीपीसी सदस्यों से समन्वय स्थापित कर योजनाएं प्रस्तावित की जाएं। तीन लाख रुपये से कम लागत की योजनाओं को जिला योजना में सम्मिलित न किया जाए और नवाचार व सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में उपस्थित अधिकारी:
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, नगर आयुक्त रुड़की राकेश चंद्र तिवारी, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश सहित अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
निष्कर्ष:
यूसीसी पंजीकरण सभी पात्र नागरिकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने सभी सरकारी कार्मिकों और आम नागरिकों से निर्धारित समयसीमा में पंजीकरण कराने की अपील की है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही और पेनल्टी से बचा जा सके।