देहरादून। अनुष्का राणा उत्तराखंड बोर्ड टॉपर 2025 बनकर प्रदेश भर के छात्रों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। इस बार उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट परीक्षा में अनुष्का ने 500 में से 493 अंक (98.60%) प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया है। यह सफलता सिर्फ एक छात्रा की नहीं, बल्कि पूरे राणा परिवार की सोच और मेहनत का परिणाम है। देहरादून के बंजारावाला की रहने वाली अनुष्का गवर्नमेंट इंटर कॉलेज, बड़ासी की छात्रा हैं। उनके पिता रामेंद्र राणा वहीं फिजिक्स के शिक्षक हैं।

परिवार मूल रूप से टिहरी गढ़वाल का निवासी है, लेकिन अनुष्का की शिक्षा देहरादून में सरकारी स्कूल से ही हुई। बड़ी बात यह है कि अनुष्का को ICSC बोर्ड के किसी प्रतिष्ठित निजी स्कूल में पढ़ने का मौका मिला था, लेकिन उन्होंने सरकारी विद्यालय को चुना। यह फैसला उनके पिता और माता की दूरदृष्टि और विश्वास को दर्शाता है। अनुष्का की मां कुमुद घर पर बच्चों को पढ़ाई में गाइड करती हैं और उन्हें एक सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण देती हैं।
अनुष्का पहले से ही एक मेधावी छात्रा रही हैं। दसवीं कक्षा में उन्होंने ICSC बोर्ड में प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। इसके बावजूद परिवार ने उन्हें निजी स्कूल में भेजने के बजाय सरकारी स्कूल में ही पढ़ाने का फैसला लिया। यह कदम सामाजिक सोच को नई दिशा देने वाला है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सिर्फ संसाधन नहीं, संकल्प और मार्गदर्शन ही सफलता की असली कुंजी है।
अनुष्का के बड़े भाई आईआईटी रुड़की में इंजीनियरिंग कर रहे हैं। घर में पढ़ाई का वातावरण हमेशा से रहा है और इसी का असर अनुष्का की मेहनत और आत्मविश्वास पर पड़ा। उन्होंने बताया कि वे डॉक्टर बनना चाहती हैं और इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। अनुष्का का मानना है कि निरंतरता और ईमानदारी से की गई मेहनत ही सफलता का मंत्र है।
उनकी मां कुमुद का मानना है कि बच्चों पर एकाएक पढ़ाई का दबाव नहीं डालना चाहिए। अगर शुरू से ही घर में पढ़ाई का माहौल दिया जाए तो बच्चे खुद ही आगे बढ़ते हैं। अनुष्का की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सरकारी स्कूलों से भी टॉप किया जा सकता है – यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मार्गदर्शन मजबूत।