15 अप्रैल 2025, चंपावत:
दूबड़ सहकारी समिति में हुए वित्तीय घोटाले से आक्रोशित ग्रामीणों का संघर्ष अब प्रशासन के दरवाजे तक पहुँच चुका है। बीते 41 दिनों से आंदोलन कर रहे ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल आज नरेंद्र शर्मा उर्फ उत्तराखंडी के नेतृत्व में जिलाधिकारी नवनीत पांडे से मिला और अपनी पीड़ा साझा की।
ग्रामीणों का आरोप: ऋण का भुगतान किया, पर बैंक में जमा नहीं हुआ पैसा
शिष्टमंडल में शामिल त्रिभुवन सकलानी, षष्ठी बल्लभ, रघुवर दत्त जोशी, और केशव दत्त भट्ट ने बताया कि उन्होंने समिति से ऋण लिया और समय पर उसकी अदायगी भी की, लेकिन समिति के सचिव ने रकम बैंक में जमा नहीं की। इसके चलते लाभार्थियों के नाम पर लाखों की झूठी देनदारी दर्ज हो गई है।
डीएम ने लिया संज्ञान, जांच समिति गठित
जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मामले में निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि 15 अप्रैल तक सहायक निबंधक सहकारिता की रिपोर्ट प्राप्त की जाए और दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों को रिकवरी नोटिस और स्पष्टीकरण जारी किया जाए। यदि उत्तर असंतोषजनक रहा, तो रिकवरी और विभागीय कार्रवाई तुरंत शुरू होगी।
16 से 18 अप्रैल तक दूबड़ में होगी सभी पक्षों की सुनवाई
डीएम ने एक नवगठित जांच समिति को निर्देश दिए कि वह 16 से 18 अप्रैल तक दूबड़ सहकारी समिति कार्यालय में सभी पक्षों की सुनवाई करे। समिति में तहसीलदार पाटी की अध्यक्षता में राजस्व, ग्राम्य विकास, जिला सहकारी बैंक, और सहकारिता विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। रिपोर्ट 21 अप्रैल तक प्रस्तुत की जाएगी।
फसली बीमा भुगतान और OTS मामलों की भी होगी जांच
आंदोलनकारियों ने फसली बीमा और ओटीएस (One Time Settlement) भुगतान में देरी का भी मुद्दा उठाया, जिस पर डीएम ने जांच समिति को तीन दिन तक दूबड़ में रुककर इन मामलों की भी गहराई से जांच करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि कोई भी लापरवाही या टालमटोल बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।