बनबसा, चंपावत (12 अप्रैल 2025) – रेलवे द्वारा बनबसा रेलवे फाटक के पास स्थित सब्जी एवं मीट मार्केट को हटाए जाने के बाद क्षेत्र के विक्रेताओं और आम नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह बाजार रेलवे भूमि पर अवैध रूप से संचालित हो रहा था, जिसे अब अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई से जहां दर्जनों विक्रेता बेरोजगार हो गए हैं, वहीं आम जनता, खासकर नेपाल से आने वाले नागरिकों को भी सब्जी और मीट की आपूर्ति में दिक्कतें आ रही हैं।पूर्व सैनिक संगठन गौरव सेनानी कल्याण समिति, बनबसा-टनकपुर के पदाधिकारियों ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए इसे भविष्य में और अधिक गंभीर संकट में बदलने की चेतावनी दी है। संगठन का कहना है कि यदि जल्द ही सब्जी और मीट विक्रेताओं के लिए कोई वैकल्पिक और अस्थायी व्यवस्था नहीं की गई, तो यह समस्या उपभोक्ताओं के लिए भी महंगाई और कालाबाजारी के रूप में सामने आएगी।
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खाली भूमि और अवैध कब्जे बड़ी चुनौती
बनबसा क्षेत्र में मंडी के लिए स्थायी जगह की कमी एक बड़ी समस्या है। जो थोड़ी बहुत जमीन उपलब्ध है, वहां पर बाहरी नागरिकों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है। ऐसे में नगर पंचायत को एक ठोस योजना के तहत कार्रवाई करनी होगी।
अस्थायी मंडी के लिए प्रस्तावित स्थान: मीना बाजार के पास
पूर्व सैनिक संगठन ने सुझाव दिया है कि अस्थायी मंडी को बनबसा मीना बाजार, जंगलात चौकी के समीप, गैस वितरण क्षेत्र के पास स्थापित किया जा सकता है। यहां फड़ों और ठेलों को व्यवस्थित ढंग से लगाकर एक अस्थायी बाजार संचालित किया जा सकता है।इसका संचालन और नियंत्रण नगर पंचायत बनबसा के अंतर्गत होना चाहिए ताकि अव्यवस्था और अनियंत्रित कब्जों से बचा जा सके। इससे एक ओर विक्रेताओं को रोजगार का साधन मिलेगा, तो दूसरी ओर आमजन को भी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री को पत्र भेजने की तैयारी
गौरव सेनानी कल्याण समिति के के अध्यक्ष भानी चंद और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि वे इस विषय को लेकर जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजने की तैयारी कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार इस समस्या का संज्ञान लेते हुए स्थायी या अस्थायी समाधान जल्द से जल्द लागू करे।
मीना बाजार क्षेत्र में पहले से सक्रिय व्यापारिक गतिविधियां
ज्ञात हो कि मीना बाजार और एनएचपीसी रोड के दोनों ओर पहले से ही ठेले और फड़ लगाकर व्यापारी अपनी दुकानें चला रहे हैं। यदि इन व्यापारिक गतिविधियों को नगर पंचायत द्वारा नियंत्रित और सुव्यवस्थित किया जाए, तो इससे सड़कों पर यातायात की बाधाएं भी दूर होंगी और नागरिकों को बेहतर बाजार सुविधा मिल सकेगी।